jai enterprises - Jai enterprises (Pathan brothers navi mumbai bhumafiya)
Contact Complainant     1671 Views     Report Spam  
Complaint by: on September 21, 2015, 6:01 pm in Building and Construction

माननीय मान्यवर, आदरणीय न्यायापलक धर्म्रस्क्षक
व जिम्मेदार भारतीयों,

को भारत के एक तुच्छ निम्न वर्ग के धनहीन एवं असहाय व्यक्ति का कोटि -कोटि नमन
हम महाराष्ट्र के पुणे शहर में १ निम्नवर्गीय व्यापारी है व छोटे -छोटे कल कारखानों को परिवहन सेवाए उपलब्ध करा कर अपना व अपने परिवार के छेह व्यक्तियों का उदर निर्वाह करते है i पुणे में रेड झोन की समस्या को देखते हमने
दैनिक कार्यकलाप से जुड़े एक व्यक्ति की मदत से एक बड़े परिवहन व जमीनी व्यापारी,शेहनूर रोअद्लेन्स ,जय इंटरप्राइजेज के मालिक (पठान बन्धु ,मुख्यनिवासी तुर्भे नवी मुंबई ) से संपर्क बने व बढे ,
उनके अच्छी रहनशैली,अच्छा कार्यालय ,उसमे जमा होनेवाली भीड़ ,अनेक अधिकारियो का आवागमन ,महंगी गाड़िया,अच्छे ऊँचे संपर्क ,सम्मिलित परिवार व धार्मिक प्रवृत्ति को देख उनके प्रति आस्थावान हो गए i अनेकबार मिलने पर उन्होंने हमें अपनी बदलापुर कलायन के पास तैयार श्री जी धाम प्रोजेक्ट के बारे कई बार बताया और दिखाया i साथ हे षड्यंत्र्स रच कर उसे लेने हेतु बाध्य व पीड़ित किया i पूरी ओर से हमारा मतं संपादन कर के हमें ९८० स्केरे फूट का फ्लैट ३० लाख और साथ ही बैंक में व्यापारिक सफलता हेतू केश -क्रेडिट अकाउंट बनाने का भरोसा भी दिलाया i षड़यंत्र प्रतिपादन हेतु पठान बंधुओं (इस्माईल,मूसा ताज ,शकूर ,नासिर ,रेहेमेत बी एवं उनके प्यादे सुनील पराडे ,सुरेश पण्डे ,अभय गायकवाड )ने हमसे ५ लाख की मांग की अपने स्तर की जानकारी कर उनकी बात पटने पर उनपे विश्वास कर के अपनी आर्थिक अवस्था उनके समक्ष रखकर ३ महीनो का समाया माँगा i उनके मार्गदर्शन में ,उनके द्वारा बताये खातो में उनके द्वारा मांगी राशी का हमने उन्हें ४,९०,००० अपनी अवस्था व उनकी मान्गनुसार हमने जैसे तैसे जमा कराये i
अब बात रजिस्ट्रेशन की आती तो बिल्डर की माँ १० दिनों के लिए बीमार हुई,१५ दिन तक भांजे को सांप ने काट लिया ,१ महिना माँ ने वेंतिलेत्टर की सैर की ,उसके बाद ४० साल की लुगाई को बच्चों पैदा करने में समस्या हो गयी i लुगाई के ठीक होते होते पिता जिन को २ महीनो के लिए निरंतर अटैक आ गए i (कम शब्दों में भारतीय सिनेमा के हर नायक -खलनायक की साडी आपत्ति विपत्तियों को इस्माईल मूसा ताज पठान ने स्वयं को कलयुग का धनञ्जय सीध कर दिया i इसी बीच पुणे से खपोली प्रस्तान के बीच हमने पठान भाई को लोनावाला हिल्स स्टेशन के पास व्यक्तित्वा से एक त्रियाचरित्र स्त्री के साथ आपत्तिजनक रूप से भ्रमण करते देखा i हमे समझ में आया पठान भाइयो के दुःख -पीड़ा का कारण हमारी भुगतान राशी है i
माजरा समझ आने पर हमने फ्लैट या राशी की मांग की तो १० दिन घुमाकर उन्होंने हमसे संपर्क तोड़ दिया i निरंतर उनके आवास के सामने ३ दिन भिखारियों की अवस्था में बैठने पर हमें उनके व उनके भाइयो के कूखयात भूमाफिया व तेल्माफिया होने की बात सामने आई i हमारे अडीग निर्णय को देख उन्होंने हमें सन्धि हेतु बुलाया और अपने जनता मार्किट की दुकान में बंद करके बंदूक की नोक पर हमसे सारे सम्बंधित दस्तावेज छीन लिए और कहा हम कूखयात आतंकवादी दाउद भाई के आदमी है तुम्हारा पैसा हमने खाडाला औरअपनी और पुरे परिवार की जिंदगी चाहिए तो तुरंत भाग जाओ और दिखाना मत ,पुलिस में जाने की गलती मत करनअ नहीं तो हम उनसे हे ठुकवा देंगे प्रशाशन हमारी जेब में है,(जो बात वर्त्तमान हालत को देख कर सत्य है) त्कालीन वह के थाने में न्याय की गुहार लगाईं किन्तु समयाभाव बता कर हमे वहा से भगा दिया गया i वहा के कॉर्पोरटर से कोई सहायता नहीं मिली i काफी संघर्ष के बाद माननीय नवी मुंबई आयुक्त श्री फतेहसिंह पाटिल जी से बात हुई ,उनके कहने पैर निर्धारित थानाधिकरिवर्ग हमारी बात सुनने को तैयार हुए ६ बार पुणे से मुंबई १४० किमी बुला बुला के भिन्न भिन्न परिस्थितियों में हमारा बयां लिया गया किन्तु ऍफ़ .आय .आर . दाखिल नहीं किया गया ,कई बार सम्बंधित अधिकारियो ने कहा -विपक्षी दल आपको पैसे देने क लिए बुलाया है और काफी समय ठाणे में बिठाने पर कहते थे उनके फ़ोन बंद है आप अगले हफ्ते आओ i इस प्रकार ए.पी.एम् .सी. ठाणे के कई हफ्ते हमने काफी अंतराल तक देखे i इसी बीच प्रकरण के जांच अधिकारी का कहेना था -( राहुल तू पठान भाइयो से पंगा मत ले ,वो भूतपूर्व पालकमंत्री गणेश नंईक जी और वर्त्तमान भाज्पेयी श्रीमती पंकजा जी का प्रचारक है इसके साथ उसका भ्राता हमारा प्राचीन सखा है i तुम कही भी जाओ काम हमारे हाथ हे,हम्ही से क रना होगा वरिस्थ अधिकारी तो आते -जाते होते है ,सो तुम्हारा तो कुछ नहीं होगा i)
जिस पुलिस पर राष्ट्र की शांति है उनका कहना है तुमने अपने लें दें में हमें कुछ दिया था क्या /या हमारा कोई रोल था क्या ,
हमे उसी दिन ज्ञात हुआ की किसी बी लें-दें से पहले प्रशाशनिक अधिकारियो को पगड़ी देने का प्रावधान है ,जिका दंड हम 20 महीनो से भुगत रहे है i अन्त में विवश होकर हम वहा के उपायुक्त उमाप जी से मिले उन्होंने समस्या को समझ कर और हमपर दया कर उन्होंने हमारी शिकायत १५ दिसम्बर २०१४ को दर्ज कराइ ,जिसने कागज में हे दम तोड़ दिया i
सभी प्रकार के समस्याओ को समझ में रखकर हमने ,श्री प्रधानमत्री ,मुख्यमंत्री ,राष्ट्रपति ,मुख्या पुलिस अधिकारी ,एन .जी.ओ.,सामाजिक संस्थान ,बड़े -छोटे आलाधिकारी एवं मीडिया को डेढ़ महीनो तक अपने निवेदन पत्र मेल किया किन्तु शायद अपेक्षित मसाला न होने के कारन उसे उपेक्षित कर दिया गया ,
किन्तु पृथ्वी पे परमात्मा की आस्था होने के कारन डेढ़ महीने बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से जवाब आया और उसके ५ दिनों बाद पठान गिरोह के छोटे से गुर्गे नासिर शेख को हमारी जानकारी हेतु १५ दिन गिरफ्तार बताया गया जो तीसरे दिन ठाणे पे जाने पे हमको दिखा नहीं ,यह प्रक्रिया भी ताश के पत्तो की तरह जमीन्ध्वस्त हो गई i
हम आपको बताना चाहेंगे
१ ) हमारी काफी चीजो का ऍफ़ .आय .आर . कॉपी में जिक्र नही किया गया i
२)स्क़भी अभियुक्त ठाणे के ५ किमी के दायरे में रहते है किन्तु आज तक कोई उचित उनपे न्यायिक कारवाही नहीं हुई ,उल्टा हमसे अपराधियों जैसा अमानवीय व्यव्हार व हमारी व हमारी बातो की सदैव उपेक्षा की गई i
३ ) क्या न्यायपालिका उच्छ रक्षण और निम्न भक्षण का प्रावधान का अनुसरण करती है ,पठान जैसे लोग हम जैसे गरीबो की गाढ़ी कमाई खा कर कोठिया ,कार ,सुर,सूरा,सुंदरी, के साथ प्रशाशन के अभयदान में हम जैसो का खून चूस रहे है ,
४ )क्षमास्वा होकर अति पीड़ा के साथ हम आपको बताना चाहेंगे की हमने काफी लोगो और बैंको से ले दे के यह रकम, पठानों को दी थी ,२० महीनो क संघर्ष क बाद हम शारीरिक,आर्थिक,मानसिक रूप से टूट गए है साडी किस्तों क भुगतान क बाद भी रकम ८ लाख से उपर हो गई ,पठानों से राशी वापसी की कोई उम्मीद नहीं दिखती,बैंक वाले और कर्जदारों के दबाव और पठान के धोके और उसकी निरान्तर धमकियों के चलते हम सभी परिवारवालों ७ लोगो ने सामूहिक आत्महत्या का निर्णय लिया है ,और आपके अनुमति की आवश्यकता है ,
इन सभी आरोपियों ने ठगी के धंधे में काफी राशी अर्जित की है साथ हे मुंबई और नवी मुंबई में काफी चल -अचल सम्पदा का स्वामित्वा पाया है i

आपसे अंतिम याचना है
१)पुलिस प्रशासनिक अवास्तविक निष्क्रियता ,ढिलाई ,अनुचित दिशानिर्देश ,परप्रांतीय मतभेद ,कुख्यात बाहुबली आरोपी पठान बंधू की रंगदारी ,थानेदारी मैत्री ,दुश्चरित्र अपराधिक रवैये ,गवाहों की असुरक्षा ,धनाभाव व सुरक्षा के कमी के चलते हमारा केस पुणे के निगडी या किसी भी ठाणे में हस्तांतरण व पुनः उचित जाँच और यदि हम सही है तो (M.P.I.D. ग्राहक संरक्षण धारा )का प्रयोग शीघ्रातिशीघ्र इस कोढ़ से निजात दिलाये , शीघ्र न्याय हेतु दयनीय प्रार्थना .इस पुनः निरीक्षित जाँच में हम किसी भी प्रकार का प्रशासनिक नुकसान नहीं करना चाहते ,हम अपनी धरमपतनी के गहने बेच कर आपके खर्च का वहन करेंगे ,आपका तिनके भर का योगदान ,मरणोपरांत अमृततुल्य होगा .
हमारे पास २० वर्ष कोर्ट के चक्कर मरने हेतु पैसे ,किराये ,वकील फीस ,मनोबल ,धैर्य ,सुरक्षितता नहीं बची i
आपका जल्द उचित निर्णय हमारे लिए सदैव आदरणीय होगा ,
अन्यथा सपरिवार आत्मदहन के अतिरिक्त हमारे पास कोई पर्याय नहीं है .


भवदीय
राहुल तिवारी
निवासी निगडी पुणे ४४
दूरभाष -०७०४०८८०५१६

Complainant's Goal: maharashtra
Complainant's Target: jai enterprises
Complaint Location: India
Would you like to Comment on this Complaint?
By clicking "Post Comment" button, you agree to our Terms of Services and Privacy Policy
Recent Comments - 0 comments posted!