मैं, कà¥à¤²à¤¦à¥€à¤ª शरà¥à¤®à¤¾ आतà¥à¤®à¤œ शà¥à¤°à¥€ सतà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ परसाई निवासी उदयनगर तहसील बागली जिला देवास हाल मà¥à¤•à¤¾à¤® 465 दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤•à¤¾à¤ªà¥à¤°à¥€ इंदौर अपने पिता का इकलौता पà¥à¤¤à¥à¤° हूं। मेरे पैतृक सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ उदयनगर में ही हमारा रहवासी मकान है, जबकि कृषि à¤à¥‚मि समीपसà¥à¤¥ गà¥à¤°à¤¾à¤® रामपà¥à¤°à¤¾ में है। यह पैतृक संपतà¥à¤¤à¤¿ (रहवासी मकान और कृषि à¤à¥‚मि) मेरे दादा सà¥à¤µ. रामनारायणजी परसाई की थी। दादा के देहांत के बाद और मेरे पिता और छोटे चाचा शà¥à¤°à¥€ रमेष परसाई दोनों की सरकारी सेवा होने के कारण इस कृषि à¤à¥‚मि की देखरेख मेरे बड़े चाचा शà¥à¤°à¥€ जगदीष परसाई ही करते थे। वरà¥à¤· 2007 में मेरे पिता शà¥à¤°à¥€ सतà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤°à¤¾à¤¯à¤£ परसाई का à¤à¥€ देहांत हो गया है।
पिता के देहांत के बाद जब मैंने अपनी पैतृक संपतà¥à¤¤à¤¿ बाबद जानकारी लेनी चाही तो मà¥à¤à¥‡ मालूम हà¥à¤† कि दादा के देहांत के कà¥à¤› समय बाद तीनों à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ ने आपसी सहमति से रहवासी मकान और कृषि à¤à¥‚मि का आपस में बंटवारा कर लिया था। रहवासी मकान का बंटवारा तो चंूकि हमारे कबà¥à¤œà¥‡ में था, इसलिठवह तो मौजूद है, लेकिन कृषि à¤à¥‚मि का बंटवारा मेरे बड़े चाचा शà¥à¤°à¥€ जगदीष परसाई दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ साजिषपूरà¥à¤£ तरीके से किया गया। साजिषपूरà¥à¤£ तरीके से किया गया इसलिठउलà¥à¤²à¥‡à¤–ित किया गया है कि मेरे पिता को दी गई कृषि à¤à¥‚मि में जाने का रासà¥à¤¤à¤¾ नहीं दिया गया। काफी कहने-सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ पर à¤à¥€ रासà¥à¤¤à¥‡ का विवाद नहीं सà¥à¤²à¤à¤¨à¥‡ पर मेरे पिता ने उस कृषि à¤à¥‚मि की उनके नाम रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ करवा दी।
मैं वरà¥à¤· 1996 से इंदौर में कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ हूं। इससे पहले मैं कोटा (राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨) में कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ था, लेकिन दादा की इस पैतृक संपतà¥à¤¤à¤¿ का बंटवारा करने जैसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ मामले की मà¥à¤à¥‡ कोई जानकारी नहीं दी गई। पिता के देहांत के बाद मेरे दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मेरे बड़े चाचा शà¥à¤°à¥€ जगदीष परसाई से रामपà¥à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कृषि à¤à¥‚मि के खसरा आदि की जानकारी मांगने पर यह कहा गया है कि हमारे पास रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ मौजूद है, इसलिठअब इस पर तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ कोई हक नहीं है।
मेरे बड़े चाचा शà¥à¤°à¥€ जगदीष परसाई ने साजिषपूरà¥à¤£ तरीके से मेरे पिता से यह कृषि à¤à¥‚मि हथिया ली है। चूंकि इस पूरे मामले में मेरी कोई रजामंदी नहीं थी, इसलिठइस कृषि à¤à¥‚मि के विवाद का निपटारा होने तक इसे विवादित मानकर इस पर काषà¥à¤¤ की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ नहीं दी जाà¤à¥¤
धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦
पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€
कà¥à¤²à¤¦à¥€à¤ª शरà¥à¤®à¤¾
We suggest you to fight against this fraud by filing a case in civil court and seek support from local police. You can also get a stay order from court if you have sufficient documents.